BhrunHatya
कन्या भ्रूण हत्या (female foeticide) अवैध तरीके से गर्भपात के माध्यम से माँ के गर्भ से कन्या भ्रूण की समाप्ति है। आज के समय में यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है जिसकी वजह से कई नई समस्याएँ जैसे लिंग अनुपात बिगड़ना आदि जन्म ले रही हैं।
कन्या भ्रूण हत्या अल्ट्रासाउंड स्कैन जैसे लिंग निर्धारण परीक्षण के बाद जन्म से पहले मां के गर्भ से कन्या भ्रूण को समाप्त करने के लिए गर्भपात की प्रक्रिया है। भारत में कन्या भ्रूण हत्या और यहां तक कि किसी भी लिंग निर्धारण परीक्षण अवैध है। यह माता-पिता के लिए शर्म की बात है जो एक बच्चे के साथ-साथ विशेष रूप से इसके लिए गर्भपात करने वाले डॉक्टरों के लिए बेताब हैं।
स्त्रियों के इस विलोपन के पीछे कन्या भ्रूण हत्या ही मुख्य कारण है। संकीर्ण मानसिकता और समाज में कायम अंधविश्वास के कारण लोग बेटा और बेटी में भेद करते हैं। प्रचलित रीति-रिवाजों और सामाजिक व्यवस्था के कारण भी बेटा और बेटी के प्रति लोगों की सोच विकृत हुई है। समाज में ज्यादातर मां-बाप सोचते हैं कि बेटा तो जीवन भर उनके साथ रहेगा और बुढ़ापे में उनकी लाठी बनेगा। समाज में वंश परंपरा का पोषक लड़कों को ही माना जाता है।
अतः इन सभी ओछी सोच को समाप्त करने के लिए जुड़े संत रामपाल जी महाराज से क्योंकि ये बिना नशे का समाज ,बिना आडम्बर कि शादी करवाते हैं, बेटे बेटी के भेदभाव को मिटाते हैं ऐसा समाज स्थापना कर रहे हैं ।
औऱ ज्यादा जानकारी के लिए देखों शाम0730बजे साधना चैनल पर।
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