कबीर परमेश्वर ने ही यथार्थ ज्ञान बताया कि ब्रह्मा विष्णु महेश की जन्म और मृत्यु होती है, ये अविनाशी नहीं है। यही प्रमाण श्रीमद्देवी भागवत पुराण, स्कंद 3, अध्याय 5 में है। कबीर परमेश्वर ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भी जन्म तथा मृत्यु होती है। इनकी माता दुर्गा तथा पिता काल (ब्रह्म) हैं। कबीर, मां अष्टंगी पिता निरंजन, ये जम दारुण वंशन अंजन। तीन पुत्र अष्टंगी जाए, ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराए।। 🌿तत्वज्ञान कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया। शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा। (गीता अ.16, श्लोक 23-24) 🌿वास्तविक धर्म का ज्ञान कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये। जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई। आर्य जैनी और...
जो लोग अपनी मनमर्जी से भक्ति करते हैं यानी कि शास्त्रविधि त्यागकर जो भक्ति करते हैं उनको मोक्ष प्राप्त नहीं होता है लेकिन अन्य सिद्धिया प्राप्त हो जाती है और उसी को ही साधक सब कुछ मान बैठता है और उनका गलत उपयोग करके मनुष्य जन्म का नाश कर देता है। सतभक्ति कैसे करें जानने के लिए देखों शाम07:30बजे साधना चैनल पर।
महाशिवरात्रि व्रत सांसारिक सुख-भोग की महत्वाकांक्षा रखने वाले और गृहस्थ जीवन बिताने वाले सभी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। गृहस्थ आश्रम के लोग महाशिवरात्रि के व्रत को भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं। वहीं सिद्ध साधना करने वाले इसे शत्रु पर जीत के रूप में देखते हैं। नागाओं के लिए शिवजी प्रथम गुरु और आदि गुरु हैं। महाशिवरात्रि का व्रत शिवभक्त अपने-अपने तरीके से रखते है मान्यता है कि जो भी जातक महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें नरक से मुक्ति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। इस दिन जहां- जहां भी शिवलिंग स्थापित है, उस स्थान पर भगवान शिव का स्वयं आगमन होता है। इसलिए शिव की पूजा के साथ शिवलिंग की भी विशेष आराधना करने की परंपरा है। शिव अपने भक्तों को सच्चे दिल से आशीर्वाद देते हैं। महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है। महाशिवरात्रि के व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। ऐसा इन आज के युग के लोगो का मानना है जबकि हकीकत क्या है आगे पढो जी ऐसा लोगों का मानना है क्योंकि इनको आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी...
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