unemployment
भारत में बेरोजगारी को बढ़ाने वाले कारक
- जनसंख्या में वृद्धि
देश की जनसंख्या में तेजी से होती वृद्धि बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है।
- मंदा आर्थिक विकास
देश के धीमे आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप लोगों को रोजगार के कम अवसर प्राप्त होते हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ती है।
- मौसमी व्यवसाय
देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में जुड़ा हुआ है। मौसमी व्यवसाय होने के कारण यह केवल वर्ष के एक निश्चित समय के लिए काम का अवसर प्रदान करता है।
- औद्योगिक क्षेत्र की धीमी वृद्धि
देश में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि बहुत धीमी है। इस प्रकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं।
5.कुटीर उद्योग में गिरावट
कुटीर उद्योग में उत्पादन काफी गिर गया है और इस वजह से कई कारीगर बेरोजगार हो गये हैं।
बेरोजगारी के समाधान
प्रत्येक समस्या का समाधान उसके कारणों में छिपा रहता है. अतः यदि ऊपर-कथित कारणों पर प्रभावी रोक लगाई जाये तो बेरोजगारी की समस्या का काफी सीमा तक समाधान हो सकता हो. व्यावसायिक शिक्षा, लघु उद्योगों को प्रोत्साहन, मशीनीकरण पर नियंत्रण, रोजगार के नए अवसरों की तलाश, जनसंख्या पर रोक आदि उपायों को शीघ्रता से लागु किया जाना चाहिए. जब तक इस समस्या का उचित समाधान नहीं होगा तब तक समाज में न तो सुख शांति रहेगी और न ही राष्ट्र का व्यवस्थित एवं अनुशासित ढांचा खड़ा हो सकेगा.
इसके अलावा यदि हम सभी सतभक्ति करे तो भी बेरोजगारी जैसी भयानक समस्या को आसानी से निपटा जा सकता है।
-कैसे?
-जैसे कि पहले लोगों के पास कोई काम नहीं था सिर्फ पेट भरने के अलावा कुछ नहीं था तो उस समय सभी लोग सिर्फ औऱ सिर्फ भक्ति ही करते थे लेकिन फिर भी किसी चीज की जरूरत महसूस नहीं कि।औऱ आज के दौर में सब कुछ होते हुए भी कुछ भी नहीं है।
औऱ आज मनुष्य इतनी भक्ति करते हैं फिर भी दुखी क्यों हैं?क्योंकि हमने सतभक्ति करना छोड़ दिया है।तो कैसे करते हैं सतभक्ति औऱ क्या होता है सतभक्ति औऱ कैसे करते हैं सतभक्ति , जिसको करने मात्र से ही सभी सुख शान्ति व धन प्राप्त होता है यानी सर्व सुविधा भगवान खुद दे ते हैं।
औऱ आज के दौर में संत रामपालजी महाराज ही सतभक्ति संदेश दे रहे हैं।
ज्यादा जानकारी के लिए देखों शाम0730बजे साधना चैनल पर।
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