#KabirPrakatDiwasNotJayanti

🎆सिर्फ कबीर जी का ही प्रकट दिवस क्यों ?*
   ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि वह परमात्मा सतलोक से शिशु रूप धारण करके प्रकट होता है और कुंवारी गायों के दूध से उसकी परवरिश होती है ।
ऋग्वेद  मंडल नंबर 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में भी वर्णन है कि पूर्ण परमात्मा कबीर जी जान बूझकर बालक रूप में प्रकट होते है।
इसलिए उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है ।
🎆जिनका अवतरण होता है उनका जन्म दिवस नहीं होता।
कबीर परमात्मा हर युग में शिशु रूप में कमल के फूल पर अवतरित होते हैं, इसलिए उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है
🎆चारों युगों में सिर्फ कबीर परमात्मा के प्रकट होने के ही प्रमाण हैं
सतयुग में सत सुकृत नाम से,
त्रेता में मुनीन्द्र नाम से, 
द्वापर में करुणामय नाम से,
और कलयुग में अपने असली नाम कबीर नाम से प्रकट होते हैं।
बाकी सभी देव मां के गर्भ से जन्म लेते हैं।
🎆कबीर जयंती और कबीर प्रकट दिवस में अंतर
जो जन्मता है उसकी जयंती मनाई जाती है, जो अजन्मा है, स्वयंभू है, वह प्रकट होता है। कबीर साहेब, अमर पुरूष लीला करते हुए बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होते हैं।

इन पंक्तियों में कबीर साहेब जी की महिमा का गुणगान किया गया।

*गरीब, भक्ति मुक्ति ले उतरे, मेटन तीनूं ताप।*
*मोमन के डेरा लिया, कहै कबीरा बाप।।
🎆कबीर साहेब जयंती VS कबीर साहेब प्रकट दिवस
जयंती तो उसकी मनाई जाती है जिसकी जन्म- मृत्यु होती है, लेकिन "कबीर साहेब" अविनाशी भगवान हैं, जिनकी कभी भी जन्म-मृत्यु नहीं होती।
अतः पुर्ण परमात्मा कबीर साहब हैं जो अभी संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं इसलिए आओ अपना कल्याण करवाओ जी।
क्योंकि मोक्ष प्राप्त करने के लिए कबीर साहब की शरण में आना पड़ेगा जी।
ज्यादा जानकारी के लिए देखों शाम0730बजे साधना चैनल पर।

Comments

Popular posts from this blog

#DeepKnowledge_Of_GodKabir

मोक्ष

Trueworship