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"जन्माष्टमियो को मनाने से क्या लाभ हैं या नहीं"?

जन्माष्टमी का त्योहार भादप्रद महीने की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है, श्री कृष्ण का जन्म का भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को हुआ था। कृष्ण जी ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था। इसीलिए अगर अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र होता है, तो यह एक बहुत ही शुभ और विशेष संयोग माना जाता है। 

 आज के मानव को पता नहीं क्या हो गया है कि हकीकत को भुला जा रहा है क्योंकि यदि श्री कृष्ण रोहिणी, नक्षत्र औऱ विशेष सयोंग में जन्मे थे तो उन्होंने इतनी लड़ाइयां क्यों नहीं रोकी औऱ कइयों को खुद ने मारा है। इससे जाहिर है कि पुर्ण परमात्मा श्री कृष्ण जी नहीं थे क्योंकि कबीर साहेब जी ने हमेशा हिंदू मुस्लिम को एक साथ रहने का संदेश दिया है।आपसी वैर भाव को समाप्त करवाया है।जी
बिल्कुल सिद्ध हुआ कि सर्व शक्तिशाली तो कोई और हैं जी।आगे पढ़ो जी।
     समाज में श्री कृष्ण जी की कई संस्थान चल रही है लेकिन सभी गलत तरीके से ही भक्ति करवा रहे हैं क्योंकि सही भक्ति कैसे करनी है ये शास्त्रों में वर्णित है लेकिन पढ़ता कोई नहीं है और किसी ने सही बता दिया तो हमे पता भी नहीं है।
औऱ समर्थ परमात्मा कभी भी जन्म नहीं लेते हैं और न ही किसी को गलत राह बताते हैं।औऱ नहीं जन्म दिन मनाते हैं।
औऱ भक्ति का तरीका भी सही बताते हैं।
क्योंकि हम इतनी भक्ति कर रहे हैं श्री कृष्ण जी की औऱ राम जी की तो भी इस धरती पर सुख नहीं है चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है।ऐसा क्यू हो रहा है।कई धर्मशाला भी खोली हैं लेकिन फिर सही ज्ञान नहीं होना ये जाहिर होता है कि हमारे द्वारा की जा रही भक्ति और करवाई जा रही भक्ति व्यर्थ है।क्योंकि मीरा बाई श्री कृष्ण की भक्ति नहीं करती थी क्योंकि मीरा बाई जहर पी कर भी नहीं मरी लेकिन श्री कृष्ण जी के तो जहर का तीर लगा और मर गए इससे सिद्ध होता है कि श्री कृष्ण जी और उनके द्वारा या उनके अनुयायियों द्वारा बताई गई भक्ति व्यर्थ थी जिससे आज भी लोग दुखी ही है।
तो अब पता करो कि मीरा बाई किसकी भक्ति कर रही थी।
आज के दौर में यदि किसी भी व्यक्ति को भगवान आ कर बोल भी दे कि में भगवान हु तो भी मनुष्य शक करेगा क्योंकि हमें इतना गुमराह किया जा चुका है।कई प्रकार के पंथ चल गए हैं, कई प्रकार के धर्म चलाये गए हैं।कई प्रकार की भाषाए बोली जाती है।और तो और कई प्रकार के भगवान बता रहे हैं औऱ सबकी विधि अलग अलग है जिससे कि हमारी असली भक्ति विधि तो भूल ही गए हैं।जिससे हमारे को दुःखों का पहाड़ टूटा ही रहता है।

  इससे साफ जाहिर है कि पुर्ण परमात्मा कोई और हैं?
तो कौन है वो परमात्मा?
जिसकी भक्ति करने से सर्व सुख प्राप्त होता है।
जिसने मीरा बाई और गणिका जैसी नारियों को भी उद्धार कर दिया। तो कौन वो समर्थ परमात्मा है

आज के दौर में औऱ इस धरती पर एक ही संत हैं जो समाज में सतभक्ति करने का संदेश दे रहे हैं जिससे सभी प्रकार के लोगो को उसका फायदा हो रहा है जैसे समाज की दहेज प्रथा को समाप्त कर रहे हैं जो कि बहुत ही भयंकर रूप ले लिया है।
साथ ही समाज में फैली कुरीतियों को लगभग मिटा सा दिया है। जिससे हर भाई सभी को बहिन औऱ बेटी के रूप में देख रहे हैं। 
 जो समर्थ परमात्मा कभी भी किसी मा के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं।वो तो प्रकट होते हैं।जैसे पुर्ण परमेश्वर कबीर साहेब आज से लगभग622वर्ष पहले काशी नगरी में लहरतला तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। 
 औऱ सतभक्ति संदेश दिया था जो कि लोग कोइ भी मानने को तैयार नहीं क्योंकि हमें हकीकत से दूर कर दिया। औऱ उस भी छुआछूत जैसी बीमारी को भी मिटाया औऱ हिन्दू मुस्लिम को हमेशा भाई भाई के समान रहने का संदेश दिया और कहा कि हम सभी एक ही परमात्मा की संतान हैं।
 औऱ अभी कबीर साहेब के रूप में संत रामपाल जी महाराज आये हुए हैं जो सतभक्ति करने का संदेश दे रहे हैं और हर तरफ सुख की लहर दौड़ रही है।और हमारे सभी प्रकार के कष्टों को दूर कर रहे हैं।औऱ समाज में सदियों से चल रही कुरीतियों को तकरीबन मिटा दिया हैं जी।
अतः आओ अपना कल्याण करवाओ जी।
ज्यादा जानकारी के लिए देखों सुबह0600बजे नेपाल TV चैनल पर।
औऱ दोपहर0200बजे श्रद्धा चैनल पर।
औऱ शाम0730बजे साधना चैनल पर।
औऱ रात0830बजे ईश्वर चैनल पर।
क्योंकि पुर्ण परमात्मा कबीर साहब ही है और अभी संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं।जी।






 

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