Jagannath
- पवित्र यादगारें आदरणीय हैं, परन्तु आत्म कल्याण तो
केवल पवित्र गीता जी व पवित्रा वेदों में वर्णित तथा परमेश्वर कबीर जी द्वारा दिए तत्वज्ञान के अनुसार भक्ति साधना करने मात्र से ही सम्भव है, अन्यथा शास्त्र विरुद्ध होने से मानव जीवन व्यर्थ हो जाएगा।
"जगन्नाथ मंदिर रहस्य"
जगन्नाथ मंदिर में मूर्तिपूजा नहीं होती है, मूर्तियां केवल दर्शनार्थ रखी गई हैं। और हिंदुस्तान का जगन्नाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जिसमें किसी भी प्रकार की छुआछात नहीं होती है।
त्रिलोकीनाथ ब्रह्मा, विष्णु, महेश के पिता ज्योति निरंजन ने परमात्मा कबीर जी से कलयुग में जगन्नाथ मंदिर बनवाने का वचन दिया था
जगन्नाथ का मंदिर समुद्र द्वारा बार बार नष्ट करने के कारण इन्द्रदमन राजा का खजाना खत्म हो गया था। अंतिम बार रानी के गहने बेचकर बेचकर मन्दिर का निर्माण किया। लेकिन परमात्मा कबीर जी ने ही समुद्र को मन्दिर तोड़ने से बचाया था।
जगन्नाथ मंदिर रहस्य
-एक बार कबीर परमेश्वर जी वीर सिंह बघेल के दरबार में चर्चा कर रहे थे। अचानक से परमात्मा ने खड़ा होकर अपने लोटे का जल अपने पैर के ऊपर डालना प्रारम्भ कर दिया। सिकंदर ने पूछा प्रभु! यह क्या किया, कारण बताईये। कबीर जी ने कहा कि पुरी में जगन्नाथ के मन्दिर में एक रामसहाय नाम का पाण्डा पुजारी है। वह भगवान का खिचड़ी प्रसाद बना रहा था। उसके पैर के ऊपर गर्म खिचड़ी गिर गई। यह बर्फ जैसा जल उसके जले हुए पैर पर डाला है, उसके जीवन की रक्षा की है अन्यथा वह मर जाता।
-जगन्नाथ मंदिर जाने से पहले जानें यह रहस्य
समुद्र बार बार जगन्नाथ मंदिर को तोड़ रहा था और विष्णु जी से प्रतिशोध ले रहा था। समुद्र ने कबीर परमात्मा से कहा कि जब यह श्री कृष्ण जी त्रेतायुग में श्री रामचन्द्र रूप में आया था तब इसने मुझे अग्नि बाण दिखा कर बुरा भला कह कर अपमानित
करके रास्ता मांगा था। मैं वह प्रतिशोध लेने जा रहा हूँ।
-रथयात्रा 2020 विशेष
जगन्नाथ मंदिर के पास एक चबूतरा बनवाया गया था जिसे आज कबीर मठ के नाम से जाना जाता है। वहीं पर बैठकर कबीर परमात्मा ने समुद्र को जगन्नाथ मंदिर तोड़ने से बचाया था।
-जगन्नाथ की पूजा करना शास्त्र विरुद्ध साधना है
जगन्नाथ के दर्शन मात्र या खिचड़ी प्रसाद खाने मात्र से कोई लाभ नहीं है क्योंकि यह क्रिया गीता जी में वर्णित न होने से शास्त्र विरुद्ध है जिसका प्रमाण गीता अध्याय 16 मंत्र 23, 24 में है। गीता जी में बताई गई साधना से ही मोक्ष संभव है।
इसलिए पुर्ण मोक्ष तभी संभव है जब आप पुर्ण संत से नाम लेकर भक्ति कर रहे हो,
तो पुर्ण संत इस धरती पर एक ही है और वो है जगत गुरू तत्त्वदर्शी संत रामपालजी महाराज हैं जो तत्त्व से ज्ञान बता रहे हैं और उनके द्वारा दिये गए मंत्रो को मर्यादा में रह कर भक्ति करने से ही मोक्ष प्राप्त होता हैं।अतः आओ अपना कल्याण करवाओ जी।
ज्यादा जानने के लिए देखों शाम0730बजे साधना चैनल पर।
औऱ रात0830बजे ईश्वर चैनल पर।।
सभी जानकारी के मुताबिक साबित हुआ है कि पुर्ण परमात्मा कबीर साहब ही है।
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