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WayOfWorship

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" जन्माष्टमियो को मनाने से क्या लाभ हैं या नहीं"? जन्माष्टमी का त्योहार भादप्रद महीने की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है, श्री कृष्ण का जन्म का भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को हुआ था। कृष्ण जी ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था। इसीलिए अगर अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र होता है, तो यह एक बहुत ही शुभ और विशेष संयोग माना जाता है।   आज के मानव को पता नहीं क्या हो गया है कि हकीकत को भुला जा रहा है क्योंकि यदि श्री कृष्ण रोहिणी, नक्षत्र औऱ विशेष सयोंग में जन्मे थे तो उन्होंने इतनी लड़ाइयां क्यों नहीं रोकी औऱ कइयों को खुद ने मारा है। इससे जाहिर है कि पुर्ण परमात्मा श्री कृष्ण जी नहीं थे क्योंकि कबीर साहेब जी ने हमेशा हिंदू मुस्लिम को एक साथ रहने का संदेश दिया है।आपसी वैर भाव को समाप्त करवाया है।जी बिल्कुल सिद्ध हुआ कि सर्व शक्तिशाली तो कोई और हैं जी।आगे पढ़ो जी।      समाज में श्री कृष्ण जी की कई संस्थान चल रही है लेकिन सभी गलत तरीके से ही भक्ति करवा रहे हैं क्योंकि सही भक्ति कैसे करनी है ये शास्त्रों में वर्णित है लेकिन प...

"moksha"

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क्या मा बिना बालक पैदा हो सकता है क्या असम्भव ठीक उसी प्रकार (पूर्ण परमात्मा के अलावा) गुरु बिना मोक्ष मुश्किल है जैसे हमे बचपन से पड़ाया जाता है पहली से लेकर ९ तक फिर हम १० का एग्जाम पास कर पाते है आखिरकार एक भौतिक एग्जाम को पास करने के लिए अनेकों टीचर और सर की आवश्यकता हुए तो क्या मोक्ष एक मामूली चीज है क्या जी,नहीं एक बीमार व्यक्ति को जिस प्रकार कहीं प्रकार के ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है ठीक होने के लिए उसी प्रकार मोक्ष प्राप्त करने के लिए एक प्रामाणिक (आध्यात्मिक)गुरु जिसने अपने जीवन में अध्यात्म से महत्व किसी भी चीज को न दिया हो। जिसने सिर्फ अपना जीवन विश्व कल्याण के लिए समर्पित कर दिया हो । मात्र वहीं ही एक ऐसा तेज जीव ही भगवन के चिर स्थाई धाम (मोक्ष)को प्राप्त करा सकता है।  गुरु का अर्थ होता है जो अज्ञान के अन्धकार को दूर कर के ज्ञान से और ज्ञान भी ऐसा जिससे विश्व कल्याण किया का सके ना की पशु के समान भोग। मोक्ष पाने का सबसे उत्तम साधन क्या हो सकता है? क्या गुरु के बिना मोक्ष नहीं मिलता? मोक्ष के लिए गुरु बनाना जरूरी है, दुनिया में पाखंड बहुत हो गया ह...

Trueworship

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 महाशिवरात्रि व्रत सांसारिक सुख-भोग की महत्‍वाकांक्षा रखने वाले और गृहस्‍थ जीवन बिताने वाले सभी के लिए महत्‍वपूर्ण माना जाता है। गृहस्‍थ आश्रम के लोग महाशिवरात्रि के व्रत को भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं। वहीं सिद्ध साधना करने वाले इसे शत्रु पर जीत के रूप में देखते हैं। नागाओं के लिए शिवजी प्रथम गुरु और आदि गुरु हैं। महाशिवरात्रि का व्रत शिवभक्‍त अपने-अपने तरीके से रखते है मान्यता है कि जो भी जातक महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें नरक से मुक्ति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। इस दिन जहां- जहां भी शिवलिंग स्थापित है, उस स्थान पर भगवान शिव का स्वयं आगमन होता है। इसलिए शिव की पूजा के साथ शिवलिंग की भी विशेष आराधना करने की परंपरा है। शिव अपने भक्तों को सच्चे दिल से आशीर्वाद देते हैं। महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है।  महाशिवरात्रि के व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। ऐसा इन आज के युग के लोगो का मानना है जबकि हकीकत क्या है आगे पढो जी ऐसा लोगों का मानना है क्योंकि इनको आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी...

RakshaBandhan

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"रक्षा बंधन" रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई को राखी बांधती हैं। भाई अपनी बहन को सदैव साथ निभाने और उसकी रक्षा के लिए आश्वस्त करता है। यह परम्परा हमारे भारत में  काफी प्रचलित है, और ये श्रावण पूर्णिमा का बहुत बड़ा त्यौहार है। रक्षाबंधन अर्थात् संरक्षण का एक अनूठा रिश्ता, जिसमें बहनें अपने भाइयों को राखी का धागा बाँधती है,  रक्षा बंधन तो पहले से ही था, यह रक्षा का एक रिश्ता है। इसलिए, रक्षा बंधन ऐसा त्यौहार है, जब सभी बहनें अपने भाइयों के घर जाती हैं,और अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, और कहती हैं "मैं तुम्हारी रक्षा करूंगी और तुम मेरी रक्षा करो"। और ये कोई ज़रूरी नहीं है, कि वे उनके अपने सगे भाई ही हों, वह अन्य किसी को भी राखी बाँधकर बहन का रिश्ता निभाती हैं।तो ये प्रथा इस देश में काफी प्रचलित है, रक्षाबंधन पर राखी बांधने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा रही है। प्रत्येक पूर्णिमा किसी न किसी उत्सव के लिए समर्पित है। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप जीवन का उत्सव मनाये। सभी भाईयों और बहनों को एक दूसरे के प्रति प्रेम  और कर्तव्य का पालन और रक्षा का दायित्व लेते हुए ढेर सारी शुभकामना के स...

Jagannath

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- पवित्र यादगारें आदरणीय हैं, परन्तु आत्म कल्याण तो केवल पवित्र गीता जी व पवित्रा वेदों में वर्णित तथा परमेश्वर कबीर जी द्वारा दिए तत्वज्ञान के अनुसार भक्ति साधना करने मात्र से ही सम्भव है, अन्यथा शास्त्र विरुद्ध होने से मानव जीवन व्यर्थ हो जाएगा। "जगन्नाथ मंदिर रहस्य" जगन्नाथ मंदिर में मूर्तिपूजा नहीं होती है, मूर्तियां केवल दर्शनार्थ रखी गई हैं। और हिंदुस्तान का जगन्नाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जिसमें किसी भी प्रकार की छुआछात नहीं होती है।  त्रिलोकीनाथ ब्रह्मा, विष्णु, महेश के पिता ज्योति निरंजन ने परमात्मा कबीर जी से कलयुग में जगन्नाथ मंदिर बनवाने का वचन दिया था  जगन्नाथ का मंदिर समुद्र द्वारा बार बार नष्ट करने के कारण इन्द्रदमन राजा का खजाना खत्म हो गया था। अंतिम बार रानी के गहने बेचकर बेचकर मन्दिर का निर्माण किया। लेकिन परमात्मा कबीर जी ने ही समुद्र को मन्दिर तोड़ने से बचाया था। जगन्नाथ मंदिर रहस्य -एक बार  कबीर परमेश्वर जी वीर सिंह बघेल के दरबार में चर्चा कर रहे थे। अचानक से परमात्मा ने खड़ा होकर अपने लोटे का जल अपने पैर के ऊपर डालना प्रारम्भ ...

True_God

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आज के दौर में ये पहचाना मुश्किल हो रहा है कि पुर्ण परमात्मा कौन है?हम भक्ति करे तो किसकी करे?औऱ भक्ति करे तो तो कैसे करें?आदि हमारे दिमाग में प्रश्न उठते हैं। तो इन समस्याओं का हल हमें सिर्फ वेदो औऱ शास्त्रों को टटोलना पड़ेगा जी। जब वेदों के अनुसार पुर्ण परमात्मा वो हैं जो जन्म नहीं लेता है वो तो प्रकट होते हैं यानि कि सशरीर आते हैं और औऱ अपनी लीलाये करते हैं और पुण्य आत्माओं को सत्य ज्ञान देते हैं। तो यहां हम श्री कृष्ण जी के बारे में सोचे तो उनकी पिछले जन्म की सजा के तौर पर हुआ, जो कि पिछले जन्म में किये कर्मो को वापस देने के तौर पर जैसे श्री राम ने बाली को छुपके से मारा तो, श्री कृष्ण के रूप में अपना जीवन शिकारी के तीर से त्यागना आदि बहुत से है और श्री कृष्ण जी जन्म हुआ तो इससे भी सिद्ध होता है कि परमात्मा तो सशरीर धरती पर प्रकट होते हैं।जैसे कबीर साहब सशरीर आये थे काशी के लहरतला तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए।तो इससे भी सिद्ध हुआ कि पुर्ण परमात्मा तो कबीर साहेब हैं। श्री कृष्ण जी की भक्ति से मोक्ष नहीं प्राप्त होता था क्योंकि मीराबाई ने कई सालों तक भक्ति की लेकिन सुख ...

Bible

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पूरी दुनिया में एक धर्म यह भी हैयह धर्म का काफी बोल बाला हैं और लगभग सम्पूर्ण विश्व में फैला हुआ है और इसके कई अनुयायी हैं तो भारत में भी इनकी काफी संख्या हैं लेकिन पवित्र बाइबिल प्रमाणों का ढेर हैं पढ़ो जी कि क्रिसियन तो इनकी पवित्र बाइबिल में बहुत से प्रमाण हैं कि परमेश्वर मनुष्य रूप में सदृश हैं वह सशरीर हैं ठीक उसी प्रकार पवित्र बाइबिल में उत्पत्ति ग्रंथ से सिद्ध होता है कि परमात्मा मानव सदृशय शरीर में है जिसने सर्व सृष्टि की रचना की तथा विश्राम किया।ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ो जी उत्पत्ति ग्रंथ को। आज के दौर में कलयुग में लोगों में बहुत गलत प्रभाव बढ रहा है तो उसी प्रकार उस समय भी जीसस ने सत्य के लिए संघर्ष किया तो उसका परिणाम उनको घोर विरोध हुआ और उनको सूली पर चढ़ाया गया। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार से संत रामपाल जी महाराज को भी सत्य के लिए संघर्ष करते हुए उनको जेल में डाला गया है जी। ज्यादा जानकारी के लिए पढो पुस्तक "अदालत की गिरती गरिमा" नामक संत रामपालजी द्वारा लिखित पुस्तक। अभी पुर्ण परमात्मा कौन है वो क्या कर सकते हैं जानने लिए पढो पुस...